
नई दिल्ली: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को घोषणा की कि संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त 2025 तक चलेगा। यह सत्र 23 दिनों तक चलेगा और इसमें कई महत्वपूर्ण विधायी कार्यों पर चर्चा की जाएगी।
यह सत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के बाद पहला संसदीय सत्र होगा। इस सैन्य अभियान के तहत भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 नागरिकों की मृत्यु हुई थी।
विपक्षी दलों, विशेषकर ‘इंडिया’ गठबंधन ने, ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। हालांकि, सरकार ने मॉनसून सत्र के दौरान ही इस मुद्दे पर चर्चा करने का निर्णय लिया है। मंत्री रिजिजू ने स्पष्ट किया कि संसद के नियमों के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।
सत्र के दौरान अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है, जैसे कि पूर्व दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
यह सत्र संसद का दूसरा सत्र होगा, क्योंकि बजट सत्र 4 अप्रैल को समाप्त हुआ था।
मुख्य बिंदु:
मॉनसून सत्र: 21 जुलाई से 12 अगस्त 2025 तक।
सत्र की अवधि: 23 दिन।
प्रमुख मुद्दे: ऑपरेशन सिन्दूर, राष्ट्रीय सुरक्षा, महाभियोग प्रस्ताव।
विपक्ष की मांग: विशेष सत्र की मांग अस्वीकार, मॉनसून सत्र में ही चर्चा।
यह सत्र राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति पर व्यापक चर्चा का मंच बन सकता है।
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