- भागलपुर सांसद अजय मंडल ने नीतीश कुमार को भेजा पत्र, टिकट वितरण को बताया अपमानजनक प्रक्रिया
भागलपुर : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीट बंटवारे की खींचतान खुलकर सामने आने लगी है। जदयू के भीतर असंतोष अब बगावत का रूप लेता दिख रहा है। भागलपुर के जदयू सांसद अजय कुमार मंडल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर अपने संसदीय पद से इस्तीफा देने की अनुमति मांगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि टिकट बंटवारे की प्रक्रिया में उनकी राय को पूरी तरह अनदेखा किया गया है। मंडल ने लिखा कि वे पिछले 20–25 वर्षों से संगठन और जनता की निष्ठापूर्ण सेवा कर रहे हैं, इसके बावजूद उनके लोकसभा क्षेत्र से टिकट वितरण बिना उनकी सलाह के किया गया। उन्होंने कहा कि संगठन के भीतर समर्पित कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है और बाहरी लोगों को तरजीह दी जा रही है।
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विधायक गोपाल मंडल पटना में धरने पर बैठे, कहा – टिकट नहीं मिला तो आंदोलन करूंगा
इधर, जदयू के विवादित लेकिन प्रभावशाली विधायक गोपाल मंडल ने भी पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास 1 अणे मार्ग के बाहर धरना दे दिया। गोपाल मंडल का आरोप है कि उन्हें साजिश के तहत टिकट से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री से मिलने आया हूँ। जब तक टिकट का आश्वासन नहीं मिलेगा, यहीं धरने पर बैठा रहूँगा।” उन्होंने साफ कहा कि वे पार्टी छोड़ने के खिलाफ हैं, लेकिन टिकट कटने पर संघर्ष करने को मजबूर होंगे। इस बीच पार्टी ने आधिकारिक बयान देने से परहेज़ किया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे जदयू के भीतर बढ़ती बेचैनी का संकेत माना जा रहा है।
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सहरसा की सोनबरसा सीट पर विवाद गहराया, एलजेपी (आरवी) को सीट जाने से भड़के जदयू नेता
एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर विवाद सहरसा जिले की सोनबरसा विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा गहराया हुआ है। यह सीट जदयू के कोटे में मानी जाती थी, और मौजूदा मंत्री रत्नेश सदा को यहां से उम्मीदवार घोषित भी किया गया था। लेकिन ताज़ा समीकरण में यह सीट चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को दे दी गई है। जदयू नेताओं का कहना है कि पार्टी के मजबूत गढ़ों को साथी दलों के हाथों सौंपा जाना संगठन को कमजोर करने की साजिश है। सूत्रों की मानें तो कई जिलों में जदयू कार्यकर्ता विरोध की तैयारी में हैं और आने वाले दिनों में बगावत और बढ़ सकती है।