Potka: बुरुडीह में बंगला नाटक “मां के रेखेछी मायने करें वोऊ के रेखेछी पाये धरे” का किया गया मंचन

पोटका : एक समय था जब हर गांव में किसी अनुष्ठान पर बांग्ला नाटक या संथाली, भूमिज ड्रामा का आयोजन किया जाता था. जिससे समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया…