Jamshedpur: 6 किलोमीटर लम्बी अखंड तिरंगा यात्रा ने शहर में जगाया देशभक्ति का अलख, विभिन्न समाजों की रही भागीदारी

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जमशेदपुर: शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस के अवसर पर नमन संस्था द्वारा आयोजित दसवीं अखंड तिरंगा यात्रा ने शहरवासियों में देशभक्ति का अलख जागृत किया. यह यात्रा न केवल शहरवासियों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर थी, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक बन गई.


शहीदों को श्रद्धांजलि

यात्रा का शुभारंभ एग्रीको ट्रांसपोर्ट मैदान से हुआ, जहां भारत माता और शहीदों की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई. विधायक सरयू राय, संजीव चौधरी, इंद्रजीत सिंह, रामाश्रय प्रसाद सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने भारत माता के रथ को रवाना किया. यात्रा में हजारों नागरिकों ने भाग लिया और यह यात्रा भालूबासा, साकची गोलचक्कर, कालीमाटी रोड, हावड़ा ब्रिज, आरडी टाटा गोलचक्कर और गोलमुरी होते हुए 6.30 किलोमीटर की दूरी तय कर फिर से एग्रीको ट्रांसपोर्ट मैदान पर समाप्त हुई.


समाज का विशाल समर्थन

इस यात्रा में विभिन्न समाजों, संगठनों और राजनीतिक दलों के बड़े पैमाने पर शामिल होने से यह यात्रा खास बन गई. मुस्लिम बस्ती (गैसीया लंगर समिति) द्वारा किए गए स्वागत ने शहर की एकता को और अधिक मजबूती दी. वंदे मातरम् और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारों से माहौल गूंज उठा. समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से मातृशक्ति और युवाओं का जोश देखते ही बनता था.

एकता का संदेश

यात्रा के दौरान देशभक्ति से जुड़ी झांकियाँ और देशभक्ति गाने लोगों को भावुक कर गए. विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक दलों की बड़ी संख्या में भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि भारतीय एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सभी वर्गों का एकजुट होना आवश्यक है.
विधायक सरयू राय ने इस अवसर पर कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानियों के आदर्शों से प्रेरणा लेकर हमें राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए. उन्होंने नमन संस्था के इस प्रयास की सराहना की. सांसद विद्युत महतो ने इसे राष्ट्र के अखंडता और समरसता का प्रतीक बताया और नमन के कार्यों की सराहना की.

नमन के संस्थापक का संदेश

नमन के संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले ने कहा कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं गया और इस यात्रा का उद्देश्य युवा पीढ़ी को शहीदों के विचारों से जोड़ना है. यह यात्रा न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि देने का एक माध्यम है, बल्कि यह हमारे कर्तव्य और निष्ठा का प्रतीक भी है.
यात्रा के समापन पर सभी अतिथियों और नागरिकों ने प्रसाद ग्रहण किया और इस ऐतिहासिक आयोजन को सफलतापूर्वक पूर्ण किया. इस अवसर पर विभिन्न गणमान्य लोग, सामाजिक कार्यकर्ता, युवा और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

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