
पोटका: सुदूर ग्रामीण इलाकों में अक्सर महिलाएं विभिन्न प्रकार की प्रताड़ना का शिकार होती हैं. ऐसे में कई महिलाएं निराश होकर चुपचाप अपनी तकलीफें सहन करती हैं, जबकि कुछ महिलाएं तो प्रताड़ना के कारण अपनी जान तक दे देती हैं. लेकिन अब पोटका क्षेत्र के कलिकापुर में स्थापित गरिमा केंद्र महिलाओं को अपनी समस्याओं के खिलाफ न्याय दिलाने में मदद कर रहा है.
गरिमा केंद्र द्वारा निशुल्क न्याय और मुआवजा प्रदान किया जा रहा है
जेएसएलपीएस द्वारा संचालित गरिमा केंद्र महिलाओं को न केवल निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें मुआवजा और अन्य जरूरी सुविधाएं भी मुहैया करा रहा है. यहां महिलाएं न केवल अपने मुद्दों को उठाने के लिए प्रोत्साहित हो रही हैं, बल्कि उनके लिए खाने-पीने, आवास, यातायात भत्ता और आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराई जाती है.
अब महिलाएं आगे बढ़कर आवाज उठा रही हैं
गरिमा केंद्र की शुरुआत के छह महीनों में 24 मामलों में से 22 का सफलतापूर्वक निष्पादन किया गया है. इनमें घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, बाल विवाह और साइबर ठगी जैसे मामलों का समावेश है. महिलाओं को यहां कानूनी जानकारी दी जाती है और अगर समझौते का प्रयास असफल रहता है तो उन्हें नजदीकी थाना या डालसा के माध्यम से न्याय दिलवाया जाता है.
महिलाओं के बीच जागरूकता बढ़ी, बदलाव दीदी का योगदान
गरिमा केंद्र के संचालन में बदलाव दीदी का महत्वपूर्ण योगदान है. इन बदलाव दीदियों को प्रत्येक गांव से चुना गया है, जो ग्रामीण स्तर पर महिलाओं की समस्याओं को गरिमा केंद्र तक लाती हैं. बदलाव मंच के माध्यम से महिलाएं अपनी परेशानियों को उठाती हैं और आवश्यक सहायता प्राप्त करती हैं.
महिलाओं की स्थिति में सुधार की उम्मीद
गरिमा केंद्र के द्वारा इस पहल के माध्यम से महिलाओं में साहस जागा है. आज महिलाएं अपनी प्रताड़ना के खिलाफ आवाज उठा रही हैं और न्याय के लिए लड़ाई लड़ने की दिशा में अग्रसर हो रही हैं. अब उन्हें पहले की तुलना में न्याय प्राप्त करने के अधिक अवसर मिल रहे हैं.
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