26 जनवरी को Jharkhand के डॉ विक्रम विशाल करेंगे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ भोजन, उपलब्धियां हैं बड़ी

Spread the love

नई दिल्ली: डॉ विक्रम विशाल को 26 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष भोज में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ भोजन के लिए आमंत्रित किया गया है. यह अवसर उनके असाधारण योगदान और उपलब्धियों का एक और सम्मान है. इससे पहले, जून 2024 में, उन्हें राष्ट्रपति द्वारा ‘राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2023’ से सम्मानित किया गया था. इस आमंत्रण के बाद उनके गृह नगर बोकारो में जश्न का माहौल है. संत जेवियर स्कूल, जहां से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की, के प्राचार्य और उप प्राचार्यों ने उन्हें बधाई दी है.

कौन हैं डॉ विक्रम विशाल?
डॉ विक्रम विशाल ने संत जेवियर स्कूल, बोकारो से वर्ष 2001 में 10वीं और 2003 में 12वीं की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए देश से बाहर गए. वर्तमान में वे आईआईटी बॉम्बे में पृथ्वी विज्ञान विभाग और जलवायु अध्ययन केंद्र में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं. उनके पिता स्व. श्याम सुंदर सिन्हा बोकारो इस्पात संयंत्र में अधिकारी थे और माता प्रतिभा सिन्हा गृहिणी हैं. उनके बड़े भाई स्व. सिद्धार्थ एक प्रतिष्ठित कंपनी में कार्यरत थे. बड़ी बहन मनीषा अश्विनी सहाय डीएवी सेक्टर छह में शिक्षिका हैं, जबकि छोटी बहन निशी वैभव सिन्हा सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं.

वैश्विक मंच पर योगदान
डॉ विक्रम ने MIT Energy Initiative (USA), IIT भुवनेश्वर और मोनाश विश्वविद्यालय (ऑस्ट्रेलिया) में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में सेवाएं दी हैं. उन्होंने अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में पोस्ट-डॉक्टरल शोध कार्य भी किया है. वर्ष 2017 से वे यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी द्वारा प्रायोजित ‘Research Experience in Carbon Sequestration’ में संकाय सदस्य के रूप में कार्य कर रहे हैं.

IIT बॉम्बे में वे CCUS (कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन, एंड स्टोरेज) के लिए DST-राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के संयोजक हैं और स्वच्छ ऊर्जा समाधान कंपनी ‘उर्जानोवासी’ के संस्थापक निदेशक भी हैं. वे सीसीयूएस विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नीतियों के विशेषज्ञ हैं और कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय समितियों से जुड़े हैं.

शोध और पुरस्कार
डॉ विक्रम तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार और दो बार फुलब्राइट फेलोशिप प्राप्त कर चुके हैं. उन्होंने सौ से अधिक शोध प्रकाशन लिखे हैं और पांच पेटेंट भी हासिल किए हैं. उनके नेतृत्व में उनकी टीम ने एलोन मस्क फाउंडेशन द्वारा समर्थित CCSX-पुरस्कार जीता, जो कार्बन डाइऑक्साइड हटाने के प्रदर्शन के लिए था. इस पुरस्कार की घोषणा UK के ग्लासगो में सीओपी-26 सम्मेलन में की गई थी.

झारखंड का गौरव
डॉ विक्रम विशाल का सफर झारखंड से शुरू होकर वैश्विक स्तर तक पहुंचा है. उनकी उपलब्धियां न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय हैं. उनके योगदान और समर्पण ने उन्हें विश्व स्तर पर उच्च स्थान दिलाया है.

इसे भी पढ़ें : Jharkhand को मिला “बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट” का राष्ट्रीय सम्मान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया पुरस्कार – देखें वीडियो 


Spread the love

Related Posts

Imphal : मणिपुर में हिंसक झड़प, भीड़तंत्र ने (SDC) के दफ्तर में आग लगाया गया, सरकार रिकॉर्ड जला

Spread the love

Spread the love  इंफाल : मणिपुर में लगातार हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. मैतई समुदाय के लोगों की सुरक्षाबलों से झड़प हुई और उन्होंने सरकारी इमारतों में आग…


Spread the love

Mumbai: मुंबई में बड़ा हादसा, लोकल ट्रेन से गिरकर 5 लोगों की दर्दनाक मौत

Spread the love

Spread the loveमुम्बई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बड़ा ट्रेन हादसा हो गया है। रेलवे अधिकारियों ने सोमवार को बताया है कि लोकल ट्रेन से गिरकर 5 लोगों की मौत…


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *