
सत्ता-विपक्ष ने भेजे जाने के तरीके को बताया अमानवीय, सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग
जमशेदपुर डेस्क
अमेरिका की ट्रंप सरकार द्वारा जिस प्रकार अवैध प्रवासियों (भारतीय) को हथकड़ी और जंजीरों में बांधकर भेजा गया. हवाई अड्डे पर यह नजारा देख लोग सवाल करने लगे कि क्या यह सही तरीका था? क्या इन्हें मानवीय तरीके से नहीं भेजा जा सकता था? इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताते हए संसद में हंगामा मचा दिया. जबकि सरकार ने इसे एक पुरानी प्रक्रिया बताया. विपक्ष मोदी सरकार से सवाल पूछ रहा है कि मोदी सरकार द्वारा ट्रंप के साथ दोस्ताना रिश्तों की दुहाई दी जाती थी ऐसे में अमेरिकी सरकार द्वारा अप्रवासी भारतीयों के साथ किया गया यह अमानवीय व्यवहार कहीं ना कहीं मोदी सरकार की कमजोर विदेश नीति की ओर इशारा करता है. ‘रडार न्यूज 24’ ने यह जानने का प्रयास किया कि इस पूरे मुद्दे पर देश में आम लोग के साथ शहर के राजनीतिक दलों के नेता, शिक्षाविद् एवं समाजसेवी क्या सोचते है. प्रस्तुत है एक रिपोर्ट……
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प्रवासियों का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान – आनंद बिहारी दुबे

कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनन्द बिहारी दुबे ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने जिस तरह से भारतीय प्रवासियों को देश निकाला किया है, यह मानवता के खिलाफ है. उन्हें क्रूरतापूर्ण तरीके से अपमानित करते भेजा गया. अमेरिका ने हवाई जहाज में हथकड़ी लगाकर मानवता के आचरण के खिलाफ में अपने कृत्य का प्रदर्शन किया. इस आचरण से भारतियों के सम्मान को ठेस पहुंची है. गंभीर रोष व्यक्त करते हुए उहोंने कहा कि भारतीय प्रवासियों का अपमान देश का अपमान है. इसे हिंदुस्तान नहीं सहेगा. भारत का एक-एक नागरिक भारत का स्वाभिमान है. इस अमानवीय घटनाक्रम में मोदी सरकार के कृत्य ने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपना कर पराकाष्ठा पार कर दिया है. विमानतल से प्रवासियों को कैदी वाहन में ले जाया गया. उन्होंने कहा कि देश की संप्रभूता के लिए एक छोटे से देश कम्बोडिया ने अमेरिकी विमान को लौटा दिया. बाद में अपना विमान भेजकर उन्हें सम्मान के साथ भारत लाया.
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प्रवासियों को भेजे जाने का तरीका गलत : सुधांशू ओझा

भारतीय जनता पार्टी जमशेदपुर महानगर के अध्यक्ष सुधांशू ओझा ने कहा प्रत्येक देश को अपने यहां कानून का शासन स्थापित करने का अधिकार है. अमेरिका की सरकार अपने देश के कानून के हिसाब से प्रवासी भारतीयों को भेज रही है. लेकिन उनके भेजने का तरीका गलत है. किन परिस्थितियों में ऐसे लोग अवैध रुप से अमेरिका गए तथा वहां रह रहे हैं इसकी जांच होनी चाहिए. ऐसे लोग किसी भी देश में रहें वहां की व्यवस्था प्रभावित करते हैं. इसलिए अवैध रुप से रह रहे प्रवासियों का वे कतई समर्थन नहीं करते हैं. अगर भारत सरकार उन्हें स्वीकार नहीं करेगी तो निःसंदेह ऐसे लोग अमेरिका की जेलों में रहेंगे. उन लोगों ने ऐसी स्थिति स्वयं बनायी, जिसके कारण वहां की सरकार को ऐसा कदम उठाना पड़ा. उन्होंने अमेरिकी सरकार की तर्ज पर भारत में अवैध रुप से रह रहे बंगलादेशी एवं रोहिंग्या के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की. क्योंकि ऐसे प्रवासियों के कारण देश में बेरोजगारी, अतिक्रमण, अपराध वगैरह बढ़ रहे हैं.
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भारतीयों का अपमान, सरकार स्थिति स्पष्ट करेः कन्हैया सिंह
आजसू पार्टी के जिलाध्यक्ष कन्हैया सिंह ने कहा कि प्रवासी भारतीयों को जिस तरह से अमेरिका की सरकार भारत भेज रही है. वह तरीका सरासर गलत है. इससे भारतीयों का अपमान हुआ है. इस ज्वलंत मामले में भारत सरकार को देश की जनता के सामने स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. साथ ही इस मामले में अमेरिकी सरकार से वार्ता कर ऐसी अपमान जनक स्थिति में भेजने के लिए विरोध दर्ज कराना चाहिए. एक अपराधी की भांति हथकड़ी लगाकर उन्हें लाया जाना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि किस परिस्थिति में ऐसे लोग भारत से अमेरिका गए. इन सारे मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए. लाखो रुपया खर्च करके सभी वहां गए. लेकिन उन्हें अवैध प्रवासी करार दे दिया गया.
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अप्रवासियों के साथ बर्ताव मानवता के लिहाज से उचित नहीं : दीपक कुमार

समाजसेवी सह स्वतंत्र पत्रकार दीपक कुमार ने कहा कि अमेरिका में अप्रवासियों के साथ बर्ताव मानवता के लिहाज से उचित नहीं है. हालांकि किसी भी देश में अवैध तरीके से घुसपैठ कानूनन अपराध है. परंतु नियमों की जटिलताओं एवं बेरोजगारी लोगों को हालात के आगे मजबूर कर देती है. देश के पीएम जब चीख-चीखकर यह बताते नहीं थकते रहे हैं कि मेरा संबंध अमेरिका से खासकर ट्रंप से बहुत अच्छा रहा है. फिर उन संबंधों का जो मोल अमेरिका ने देश और दुनिया को दिखाया, वह कई सवाल खड़े कर रहा है. उन्होंने कहा कि उचित तो यह होता कि अमेरिका यह जानकारी सार्वजनिक कर संबंधित देशों के दूतावास से बातचीत कर बीच का रास्ता निकलता. तदोपरांत सख्ती बरतता. यह कार्रवाई अमेरिका के छवि को धूमिल करने वाला है.
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