
जमशेदपुर: नेहरू युवा केंद्र, पूर्वी सिंहभूम द्वारा आयोजित अंतर-राज्यीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का उद्घाटन 25 फरवरी को विकास भारती, सुंदरनगर, जमशेदपुर में हुआ. इस कार्यक्रम का उद्देश्य दिल्ली के युवाओं को झारखंड की संस्कृति, परंपराओं और विकास गतिविधियों से जोड़ना है, ताकि राष्ट्रीय एकता और समरसता को बढ़ावा मिल सके.
मुख्य अतिथि का उद्घाटन सम्बोधन
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उप विकास आयुक्त सह उप जिला दण्डाधिकारी अनिकेत सचान, नेहरू युवा केंद्र, झारखंड की राज्य निर्देशक ललिता कुमारी, विकास भारती के निर्देशक फादर बिरेंदर टेटे, और जिला युवा अधिकारी अंजली कुमारी उपस्थित रहे. अनिकेत सचान ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि यह पहल दिल्ली के युवाओं को नए अनुभवों से परिचित कराएगी और उन्हें शैक्षिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक अवसरों की जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगी. नेहरू युवा केंद्र की राज्य निर्देशक ललिता कुमारी ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को एक सकारात्मक दृष्टिकोण देना और उन्हें राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना है.

सांस्कृतिक नृत्य और संवादात्मक सत्र
कार्यक्रम के अंतर्गत, झारखंड और दिल्ली के सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किए गए. इसके बाद, करीम सिटी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आले अली द्वारा युवाओं के साथ संवादात्मक सत्र प्रारंभ किया गया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है. जब हम एक-दूसरे की परंपराओं और विचारों का सम्मान करते हैं, तभी हम एक सशक्त और एकजुट राष्ट्र की नींव रखते हैं.
उद्यमिता और नेतृत्व पर सत्र
कार्यक्रम में यंग इंडियंस द्वारा उद्यमिता और नेतृत्व पर सत्र आयोजित किया गया. इस सत्र का उद्देश्य प्रतिभागियों को उद्यमिता और नेतृत्व की महत्वपूर्ण अवधारणाओं से अवगत कराना था. सत्र में यह बताया गया कि कैसे नए विचारों को व्यवसाय में बदलकर समाज में बदलाव लाया जा सकता है और एक मजबूत नेता की भूमिका टीम को सफलता की ओर ले जाती है.
कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम के समापन में पूर्वी सिंहभूम की जिला युवा अधिकारी अंजली कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम का संचालन मानव घोष ने किया. इस कार्यक्रम के तहत, युवाओं को विभिन्न राज्यों की यात्रा कराई जाएगी, जहां वे स्थानीय समुदायों के साथ संवाद करेंगे, ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे और विभिन्न संस्थानों में कार्यशालाओं में भाग लेंगे.