नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक रविवार देर रात समाप्त हुई। बैठक में पार्टी के अधिकांश उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए गए। सूत्रों के अनुसार, अब आगे कोई नई बैठक नहीं होगी।
असंतोष झेल रहे विधायकों की छुट्टी
बैठक में यह फैसला हुआ कि जिन मौजूदा विधायकों के प्रति जनता में नाराज़गी है, उन्हें दोबारा टिकट नहीं दिया जाएगा। पार्टी इस बार कई युवा और नए चेहरों को मौका देने जा रही है। भाजपा की पहली उम्मीदवार सूची सोमवार (14 अक्टूबर) को जारी होने की संभावना है।
एनडीए में सहमति, मांझी और कुशवाहा संतुष्ट
सूत्रों के अनुसार, एनडीए गठबंधन में सभी सहयोगी दल सीट बंटवारे से खुश हैं। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) प्रमुख जीतन राम मांझी इस समझौते से संतुष्ट बताए जा रहे हैं। उनके बेटे को बिहार सरकार में एक अहम विभाग दिया गया है, जबकि खुद मांझी केंद्र में मंत्री हैं। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा, जो पिछली बार चुनाव हार चुके थे, अभी भी राज्यसभा सदस्य हैं और उन्हें एनडीए से लगातार राजनीतिक सहयोग मिल रहा है।
महागठबंधन में कलह
इसके विपरीत, महागठबंधन (INDIA Bloc) के भीतर असहमति और आंतरिक कलह खुलकर सामने आ चुकी है। कांग्रेस और राजद के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अब तक अटकी हुई है।
एनडीए में सीटों का फार्मूला तय
एनडीए के बीच सीट बंटवारे की आधिकारिक घोषणा बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को सोशल मीडिया के माध्यम से की।
इस समझौते के तहत—
भाजपा (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) — 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) — 29 सीटों पर उतरेगी।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) — 6-6 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे।
प्रचार रणनीति पर भी चर्चा
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान, और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक में प्रचार अभियान, जनसंपर्क योजनाओं और प्रधानमंत्री मोदी की आगामी रैलियों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।