
जादूगोड़ा: घाटशिला अनुमंडल क्षेत्र में अवैध लॉटरी का कारोबार लंबे समय से धड़ल्ले से चल रहा है. आरोप है कि पुलिस की शह पर यह खेल फल-फूल रहा है, जिससे प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. शहर के चौक-चौराहों और गली-मोहल्लों में लॉटरी टिकटों की खुलेआम बिक्री हो रही है, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.
अलग-अलग गिरोह, बंटे हुए इलाके
इस कारोबार में कई संगठित गिरोह सक्रिय हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों में लॉटरी टिकट बेचते हैं. जादूगोड़ा, गालूडीह, मुसाबनी, मऊभंडार और चाकुलिया में अलग-अलग ग्रुप इस गोरखधंधे को चला रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस अवैध खेल में भी कारोबारी अपने-अपने क्षेत्रों को लेकर अनुशासन बनाए रखते हैं.
गालूडीह ग्रुप – गालूडीह, जादूगोड़ा, घाटशिला और आसपास के इलाकों में लॉटरी बेचता है.
मुसाबनी ग्रुप – मुसाबनी, डुमरिया, राखा और जादूगोड़ा के कुछ हिस्सों में सक्रिय है.
जमशेदपुर ग्रुप – मऊभंडार और आसपास के क्षेत्रों में लॉटरी टिकटों की बिक्री करता है.
चाकुलिया ग्रुप – बहरागोड़ा और बड़शोल थाना क्षेत्रों में पश्चिम बंगाल से आने वाली लॉटरी बेचता है.
इन गिरोहों में आपसी सहमति बनी रहती है. यदि कोई सदस्य गलती से दूसरे के क्षेत्र में लॉटरी बेचता है, तो मामला तुरंत आपसी बातचीत से सुलझा लिया जाता है.
राजनीतिक संरक्षण से फल-फूल रहा धंधा
इस कारोबार को स्थानीय राजनीतिक दलों के प्रभावशाली नेताओं का संरक्षण प्राप्त है. बताया जाता है कि इन नेताओं को हर महीने मोटी रकम पहुंचाई जाती है, जिससे वे इस गैरकानूनी धंधे को बढ़ावा दे रहे हैं. घाटशिला में एक सफेदपोश व्यक्ति इस अवैध लॉटरी कारोबार का मुख्य सूत्रधार बताया जा रहा है, जो पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है.
पुलिस के दावों पर सवाल
ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग ने कहा कि पुलिस सूचना के आधार पर कई बार छापेमारी कर चुकी है, लेकिन कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा. उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस अवैध कारोबार से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सवाल बरकरार: कब लगेगी लगाम?
पुलिस की निष्क्रियता और राजनीतिक संरक्षण के चलते घाटशिला अनुमंडल में लॉटरी का अवैध धंधा लगातार फल-फूल रहा है. सवाल यह है कि क्या प्रशासन इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा, या यह खेल यूं ही जारी रहेगा?
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