
पश्चिम सिंहभूम: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ सदस्य एवं मनोहरपुर के पूर्व जिला पार्षद बामिया माझी ने सारंड क्षेत्र की खदानों (माइंस) में स्थानीय लोगों की अनदेखी पर गहरी नाराजगी जताई है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि खनन क्षेत्र में रोजगार का पहला अधिकार क्षेत्र के मूल निवासियों का है और यदि कहीं बाहरी लोगों की नियुक्ति होती है, तो पूर्व की तरह कड़ा विरोध किया जाएगा. बामिया माझी ने बताया कि सेल (SAIL) द्वारा संचालित गुवा, किरीबुरु, मेघाहातुबुरु और चिड़िया माइंस में करीब 25 बाहरी व्यक्तियों की नियुक्ति की संभावना सामने आई है. उन्होंने इसे स्थानीय युवाओं के साथ अन्याय बताया और राज्य सरकार से इस प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की.
11 माइंस को खोलने की प्रक्रिया जारी
उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बंद पड़ी खदानों को दोबारा शुरू करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है. फिलहाल झारखंड सरकार द्वारा 11 माइंस को खोलने का प्रस्ताव प्रक्रिया में है, जिससे स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. बामिया माझी ने यह भी बताया कि पश्चिम सिंहभूम में स्थित कुल 27 बंद खदानों की रॉयल्टी राज्य सरकार को पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं हो रही है. इससे सरकार के राजस्व को गहरी चोट पहुंच रही है. सरकार अब नई नीति के तहत इस समस्या का स्थायी समाधान खोज रही है. उन्होंने जानकारी दी कि बराईबुरु स्थित आरजेएम कंपनी की बंद माइंस को जल्द ही अंविलव रुंगटा माइंस को सौंपे जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इससे उम्मीद की जा रही है कि स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
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