Jhargram: जंगलमहल में हाथी-मानव संघर्ष के स्थायी समाधान की मांग को लेकर जन सम्मेलन आयोजित

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 Jhargram:  झाड़ग्राम में जंगलमहल स्वराज मोर्चा के तत्वावधान में एक विशेष जन सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें जंगलमहल के विशाल क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन बढ़ते हाथी-मानव संघर्ष का एक सुव्यवस्थित, प्रभावी और मानवीय समाधान खोजना पर चर्चा की गई।  इस सम्मेलन में स्थानीय निवासी, सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरणविद् सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लोग स्वतःस्फूर्त रूप से शामिल हुए।

प्रस्तावित स्थायी समाधान

1. हाथियों की स्वतंत्र आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए संरक्षित वन और उपयुक्त कॉरिडोर बनाए जाएं।
2. जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन निगरानी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)-आधारित चेतावनी प्रणाली शुरू की जाए।
3. वन क्षेत्रों में फलदार वृक्ष, जलाशय और खाद्य-संपन्न आवरण तैयार किया जाए, ताकि हाथी जंगल में ही रह सकें।
4. प्रोजेक्ट RE-HAB के माध्यम से मधुमक्खी के छत्तों पर आधारित प्राकृतिक प्रतिरोध प्रणाली लागू की जाए।
5. लंबे समय से प्रतीक्षित मयूरझर्णा एलिफेंट रिजर्व परियोजना को तत्काल लागू किया जाए।
6. बिजली के तारों से बनी बाड़ को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाए।
7. विकास परियोजनाओं में पर्यावरण-अनुकूल बुनियादी ढांचा—जैसे अंडरपास और ओवरपास—स्थापित किया जाए।

अस्थायी उपाय और मानवीय सहायता

1. जंगल से सटे क्षेत्रों में जलाशयों की खुदाई और खाद्य वृक्षों का रोपण कर हाथियों के लिए रोजाना भोजन और पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
2. हाथी के हमले में मृतकों के परिवार को न्यूनतम ₹10 लाख मुआवजा और त्वरित नौकरी की व्यवस्था की जाए।
3. घायल और अक्षम व्यक्तियों के परिवार को मासिक ₹10,000 भत्ता प्रदान किया जाए।
4. फसल और संपत्ति के नुकसान का मुआवजा बाजार मूल्य पर एक सप्ताह के भीतर दिया जाए।
5. हाथी भगाने वाली टीम के सदस्यों को सुरक्षा किट, पहचान पत्र और ₹600/- दैनिक मजदूरी निर्धारित की जाए।
6. हाथी-प्रवण गांवों की त्वरित पहचान कर वहां पर्याप्त रोशनी, चेतावनी उपकरण, जागरूकता शिविर और रीयल-टाइम सूचना प्रसार की व्यवस्था की जाए।
7. वन विभाग और स्थानीय पुलिस के समन्वय से हाथी के बस्ती में आने पर लोगों को सुरक्षित दूरी पर रखने के लिए जागरूक किया जाए।

जंगलमहल स्वराज मोर्चा की आगामी कार्ययोजना

1. स्थानीय सांसदों और सभी विधायकों को लिखित रूप से मांग पत्र सौंपा जाएगा, ताकि वे इस मुद्दे पर संसद और विधानसभा में सक्रिय हों।
2. राज्य सरकार और केंद्रीय सरकार के वन मंत्रालय को भी लिखित मांग पत्र भेजा जाएगा। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल महोदय से हस्तक्षेप और हाथी प्रभावित क्षेत्रों में प्रतिनिधि दल भेजने की मांग के लिए लिखित आवेदन किया जाएगा।
3. जल्द ही झाड़ग्राम DFO सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से एक प्रतिनिधि मंडल मिलकर समाधान की मांग करेगा।
4. हाथी-प्रवण क्षेत्रों में व्यापक जनसंपर्क अभियान और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
5. एक लोकतांत्रिक आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी, जिसके माध्यम से शांतिपूर्ण प्रदर्शन और सड़क आंदोलन द्वारा सरकार का ध्यान आकर्षित किया जाएगा।

जंगलमहल स्वराज मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष अशोक महतो ने कहा कि यह संकट केवल वन विभाग की एकमात्र जिम्मेदारी नहीं है—यह अब एक गंभीर मानवीय और पर्यावरणीय संकट है। इसके स्थायी समाधान के लिए केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयास और व्यावहारिक नीतियों की आवश्यकता है। जंगलमहल स्वराज मोर्चा इस संकट के खिलाफ एक नीति-आधारित, मानवीय और पर्यावरण-अनुकूल संघर्ष जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है।

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