
झाड़ग्राम: दिसंबर 2021 में झाड़ग्राम जिले के बेलियाबेड़ा ब्लॉक स्थित खड़ापड़िया गांव निवासी पूरनजीत भुइयां को N.I.C.T.P.L. (राष्ट्रीय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी संस्थान प्राइवेट लिमिटेड) के एरिया मैनेजर ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट (BC) बनने का प्रस्ताव दिया था।
जनवरी 2022 में पूरनजीत ने इस प्रस्ताव पर सहमति देते हुए संस्था के खाते में ₹23,600/- की सुरक्षा राशि जमा कर दी। लेकिन न तो उन्हें BC का पद मिला, और न ही उनकी राशि वापस की गई।
चुप्पी, भागदौड़ और अंत में उम्मीद की किरण
कई बार फोन, पत्र और ई-मेल के माध्यम से शिकायत करने के बाद भी पूरनजीत को कोई उत्तर नहीं मिला। चार साल की प्रतीक्षा और निराशा के बाद उन्होंने इस वर्ष मई में बेलियाबेड़ा ब्लॉक की “अधिकार मित्र” रीता दास दत्ता के माध्यम से झाड़ग्राम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में शिकायत दर्ज करवाई।
पूरनजीत के लिखित आवेदन के आधार पर प्राधिकरण ने प्री-लिटिगेशन केस दर्ज किया और NICT प्राधिकरण को नोटिस जारी किया। सुनवाई से पूर्व ही, संस्था ने बीते मंगलवार को पूरनजीत के खाते में पूरी राशि वापस कर दी।
गुरुवार को पूरनजीत ने झाड़ग्राम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय पहुंचकर यह जानकारी दी कि “अब मेरी समस्या का समाधान हो चुका है।”
न्यायालय परिसर में भावुक होते हुए पूरनजीत ने कहा — “हमारे गांव से बैंक काफी दूर है। मैंने लोगों की सुविधा के लिए एक शाखा खोलने की सोची थी, लेकिन कभी कल्पना नहीं की थी कि NICT मेरे साथ ऐसा धोखा करेगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि झाड़ग्राम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन करने के महज 22 दिनों के भीतर उनकी चार साल पुरानी समस्या का समाधान हो गया।
इस प्रकरण ने यह स्पष्ट किया कि यदि व्यक्ति अपने अधिकारों के लिए विधिक माध्यमों का सही प्रयोग करे, तो वर्षों पुरानी समस्याएं भी हल हो सकती हैं। झाड़ग्राम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने न केवल पूरनजीत को न्याय दिलाया, बल्कि संस्थागत जवाबदेही का भी सशक्त उदाहरण प्रस्तुत किया।
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