
झाड़ग्राम: पश्चिम बंगाल की प्रतिष्ठित साहित्यिक एवं रंगमंचीय संस्था कथाकृति, झाड़ग्राम द्वारा कुटुम बाड़ी रिसॉर्ट में एक दिवसीय ‘स्टोरी टेलिंग वर्कशॉप’ का आयोजन किया गया। यह आयोजन विशेषकर बच्चों की रचनात्मक अभिव्यक्ति और रंगमंचीय प्रशिक्षण के उद्देश्य से किया गया, जिसमें मुख्य प्रशिक्षक के रूप में झारखंड के चर्चित स्टोरी टेलर और टेलीविजन अभिनेता श्री दिनकर शर्मा को आमंत्रित किया गया। दिनभर चली इस कार्यशाला में दिनकर शर्मा ने कहानी कहने की कला, संवाद अदायगी, बॉडी लैंग्वेज, आई-कॉन्टेक्ट और भाव-भंगिमाओं जैसे विभिन्न पहलुओं को बेहद मनोरंजक और रचनात्मक तरीकों से बच्चों को सिखाया। प्रशिक्षण में खेल, गतिविधियाँ और मंचीय प्रयोग शामिल किए गए, जिससे बच्चों ने सीखने की प्रक्रिया को उत्सव की तरह महसूस किया।
मंचित हुए दो नाट्य-प्रस्तुति: ‘ज्ञान’ और ‘कोलाज’
कार्यशाला के अंत में बच्चों ने दिनकर शर्मा के निर्देशन में दो प्रस्तुति तैयार कीं —
‘ज्ञान’ — एक संक्षिप्त परंतु सारगर्भित नाट्य मंचन।
कविता और कहानी मिश्रित ‘कोलाज’ — जिसमें भाव, लय और शब्द की अनोखी प्रस्तुति देखने को मिली।
इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को स्तब्ध कर दिया। एक ही दिन में तैयार की गई नाट्य प्रस्तुति में बच्चों की परिपक्वता और आत्मविश्वास देख सभी चकित रह गए।
व्यंग्य और संवेदना का संगम
दिनकर शर्मा ने भी अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को हँसी और संवेदना दोनों का अनुभव कराया। उन्होंने ज्ञान चतुर्वेदी की प्रसिद्ध कहानी ‘डरा हुआ आदमी’ को व्यंग्यात्मक शैली में प्रस्तुत किया, जिससे वर्तमान समय की विडंबनाओं को हास्य के माध्यम से समझाया। वहीं मुक्तिबोध की कहानी ‘पक्षी और दीमक’ को उन्होंने जिस संवेदनशीलता और गहराई से मंचित किया, उससे दर्शकों का मन अभिभूत हो उठा। कार्यक्रम की सफलता में देवलीना दास गुप्ता और कुंतल पाल की सक्रिय भूमिका रही। कथाकृति परिवार के सदस्यों ने आयोजन को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अंत में दिनकर शर्मा ने कथाकृति झाड़ग्राम और सभी सहयोगियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह आयोजन उनके लिए भी एक विशेष अनुभव रहा।
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