- 20 सितंबर से झारखंड, बंगाल और ओडिशा में रेल चक्का जाम, कुकडू में जुटेंगे लाखों आंदोलनकारी
- 20 सितंबर को हैंसालौंग में विशाल जुटान की तैयारी
सरायकेला : कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने और कुड़मालि भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान दिलाने की मांग को लेकर आजसू पार्टी ने खुलकर समर्थन का ऐलान किया है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरे लाल महतो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 20 सितंबर से झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में शुरू होने वाले अनिश्चितकालीन “रेल टेका-डहर छेका आंदोलन” में आजसू कार्यकर्ता भी सक्रिय रूप से भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल कुड़मी समाज का नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की लड़ाई है।
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आंदोलन में आजसू की भूमिका पर हरे लाल महतो का बयान
हरे लाल महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी स्व. एन.ई. होरो, स्व. रामदयाल मुंडा और गुरुजी शिबू सोरेन ने भी कुड़मी समाज की मांगों का समर्थन किया था। उन्होंने याद दिलाया कि रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में 46 सांसद और विधायकों ने लिखित रूप से कुड़मी समुदाय को एसटी सूची में शामिल करने का समर्थन किया था, जिसमें मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी भी शामिल थे। उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि 1931 से पहले कुड़मी समाज को आदिम जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त थी, लेकिन बाद में इसे ओबीसी वर्ग में डाल दिया गया। हरे लाल महतो ने डॉ. नारायण उरांव की पुस्तक Tribal Identity and Kurmi Mahtos और 1913 एवं 1931 की सरकारी अधिसूचनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि कुड़मी समाज को पुनः उनका हक मिलना चाहिए।
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कुड़मी समाज की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और मांगें
आजसू पार्टी ने आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए झारखंड के विभिन्न जिलों और बंगाल-ओडिशा में भी वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। बोकारो और गिरिडीह की जिम्मेदारी सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी को दी गई है, वहीं रामगढ़, हजारीबाग और चतरा में मांडू विधायक निर्मल महतो नेतृत्व करेंगे। पूर्व विधायक डॉ. लंबोदर महतो बोकारो जिले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सरायकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम और पश्चिमी सिंहभूम जिलों का नेतृत्व खुद हरे लाल महतो करेंगे, जबकि संथाल परगना में संजीव महतो को जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि यह आंदोलन व्यापक स्तर पर आयोजित होगा और इसे तब तक जारी रखा जाएगा जब तक कुड़मी समाज की मांगों को पूरा नहीं किया जाता।
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आंदोलन को सफल बनाने के लिए आजसू नेताओं को मिली जिम्मेदारियां
20 सितंबर को सरायकेला-खरसावां जिले के कुकडू प्रखंड स्थित हैंसालौंग रेलवे स्टेशन पर लाखों की संख्या में कुड़मी समाज के लोग जुटेंगे। हरे लाल महतो ने कहा कि रेल टेका-डहर छेका आंदोलन ऐतिहासिक होगा और यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक कुड़मी समाज को एसटी सूची में पुनः शामिल नहीं किया जाता और कुड़मालि भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता नहीं मिलती। उन्होंने कुड़मी समाज के साथ-साथ आजसू पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से इस आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की अपील की है।