Potka: साहित्यिक समारोह में सूर्य सिंह बेसरा का महत्वपूर्ण संदेश कहा – साहित्य जोड़ता है, राजनीति तोड़ती है

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पोटका: रविवार को पोटका के जानमडीह संसद भवन परिसर में विकास एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित बहुभाषीय साहित्यिक समारोह और पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में झारखंड साहित्य अकादमी के अध्यक्ष और पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि राजनीति एक दूसरे को तोड़ती है, जबकि साहित्य एक दूसरे को जोड़ता है. उन्होंने इस अवसर पर झारखंड में साहित्य अकादमी के गठन के अभाव को गंभीर चिंता का विषय बताया.

कार्यक्रम की शुरुआत और स्वागत

समारोह की शुरुआत अतिथियों के स्वागत के साथ हुई, जहां उन्हें फिरकल नृत्य करते हुए मुख्य द्वार से मंच तक लाया गया. दीप प्रज्वलन के बाद बादल मामा और सुभाष सरदार ने प्राकृतिक रिवाज पर आधारित स्वागत गाना प्रस्तुत किया. शिक्षक और लेखक विकास भगत ने स्वागत भाषण दिया और सभी अतिथियों के समक्ष कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की.

पुस्तक लोकार्पण और साहित्य का सम्मान

इस समारोह में विभिन्न साहित्यिक कृतियों का लोकार्पण किया गया. मंचासीन अतिथियों ने विकास भगत द्वारा रचित “ए ग्लिमप्स ऑफ पोएट्री”, “मॉडर्न इंग्लिश पोएट्री”, “अनफॉरगेटेबल मेमोरीज”, “इम्यूनिटी”, “एलिगेट इंग्लिश ग्रामार”, “ओसियन ऑफ़ पोएट्रीज” और सुभाष सरदार द्वारा रचित “भूमिज किताब हुनुर पूंथी” का लोकार्पण किया। साहित्यकार रविंद्रनाथ घोष ने अपनी रचना “भारत भास्कर” की एक प्रति सभी साहित्यकारों को भेंट की. लेखक उज्जवल कुमार मंडल ने कवि गोष्ठी पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और इस अवसर को आनंदमयी बताया.

 

साहित्यकारों और लेखकों का सम्मान

इसके बाद ट्रस्ट ने मंचासीन मुख्य अतिथि सूर्य सिंह बेसरा, वीरेंद्र नाथ घोष, सुनील कुमार दे, करुणामय मंडल, मोनिका सरदार, जितेन सरदार, सुभाष सरदार, जोबा मुर्मू, पंकज कुमार मिश्रा, जयहरी सिंह मुंडा, भावतारण मंडल, आशुतोष मंडल, रविकांत भगत, हिमाद्री भगत, कल्पना बस, मानिक लाल महतो, शंकर चंद्र गोप, दुलाल चंद्र दास और समाजसेवी जन्मेजय सरदार को मोमेंटो, प्रशस्ति पत्र और शाल देकर सम्मानित किया.

साहित्यकारों द्वारा कविताओं का पाठ

सम्मानित साहित्यकारों और लेखकों ने अपनी-अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया, जिससे श्रोताओं को साहित्य की विविधता और गहराई का अनुभव हुआ.कार्यक्रम के अंत में बांग्ला अपूर पाठशाला का उद्घाटन किया गया, जिससे स्थानीय बांग्ला भाषा और संस्कृति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इसके बाद जानमडीह के कलाकारों ने फिरकल नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने सभी उपस्थित अतिथियों का दिल जीत लिया. कार्यक्रम का संचालन राजकुमार साव ने किया और धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक असित कुमार मंडल ने दिया.

इसे भी पढ़ें : Jamshedpur: डॉ. यमुना तिवारी की काव्य संकलन ‘समय के साक्षी शब्द’ का लोकार्पण


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