
जमशेदपुर: जनता दल (यूनाइटेड) अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने झारखंड सरकार द्वारा आदिवासी बहुल ग्रामीण इलाकों में ग्राम सभा की अनुमति से अंग्रेजी शराब की दुकान खोलने के निर्णय पर कड़ा विरोध जताया है. जिलाध्यक्ष प्रकाश कोया के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला उपविकास आयुक्त को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम ज्ञापन सौंपा.
टीएसी बैठक के निर्णय से आदिवासी समाज आहत
ज्ञापन में कहा गया है कि 21 मार्च 2025 को हुई ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आदिवासी ग्रामीण इलाकों में ग्राम सभा की अनुमति से शराब की दुकान खोली जा सकती है. जदयू नेताओं ने कहा कि यदि सरकार यह सोचती है कि आदिवासी युवाओं को रोजगार, शिक्षा और कलम की बजाय शराब की बोतल सौंपी जानी चाहिए, तो यह राज्य के गरीब, आदिवासी और मूलवासी समुदाय के साथ बहुत बड़ा धोखा है.
यह निर्णय आदिवासी युवाओं के भविष्य के खिलाफ
जदयू अनुसूचित जनजाति मोर्चा का कहना है कि यह फैसला जनजातीय युवाओं को अंधकार की ओर धकेलने की साजिश है. मोर्चा ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस निर्णय को तत्काल वापस लिया जाए. ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी तरह की शराब बिक्री की अनुमति न दी जाए.
चेतावनी: नहीं मानी बात तो होगा जनजागरण और विरोध
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि यदि सरकार ने यह निर्णय वापस नहीं लिया, तो जदयू एसटी मोर्चा ग्रामीण इलाकों में जाकर जनजागरण अभियान चलाएगा और सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ जनमत तैयार करेगा. भविष्य में विरोध की गति और तेज की जाएगी.
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन थे शामिल

इस अवसर पर जदयू पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव, कुलविंदर सिंह पन्नू, राजेन कुजूर, भानु देवी, यशोदा मुंडा, बुधराम खालखो, पुरन हेम्ब्रम, सतरी देवगम, बीर सिंह देवगम, जितेन्द्र सिंह, विजय सिंह, शंकर कर्मकार, अर्जुन यादव, अशोक सिंह, गणेश चंद्रा, सुनील बोदरा, सदेन सोय, कार्तिक लकड़ा समेत दर्जनों कार्यकर्ता और नेता उपस्थित रहे.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur: पूर्व जिप उपाध्यक्ष की पहल से गर्मी में राहत, चार जगहों पर मिल रहा निःशुल्क पानी