नई दिल्ली: आज यानी रविवार की रात भारत सहित एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में चंद्रग्रहण दिखाई देगा। यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आकर ‘ब्लड मून’ का रूप ले लेगा। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, जयपुर और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में इसे साफ़ देखा जा सकेगा।
सूतक काल का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है। इसे अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ, भोजन और किसी भी शुभ कार्य से बचना चाहिए। माना जाता है कि राहु-केतु के प्रभाव से वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय हो जाती है, इसलिए यह समय आत्मचिंतन और साधना के लिए उत्तम माना जाता है।
सूतक काल कब?
शुरुआत: 7 सितंबर 2025, दोपहर 12:57 बजे
समाप्ति: 8 सितंबर 2025, रात 1:27 बजे (ग्रहण खत्म होते ही)
सूतक में क्या नहीं करें?
भोजन और जल ग्रहण से बचें
बाल, नाखून या दाढ़ी न काटें
विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य न करें
मंदिरों के द्वार बंद रहते हैं
गर्भवती महिलाएं धारदार वस्तुओं का उपयोग न करें और विशेष सावधानी बरतें
(बीमार, वृद्ध और छोटे बच्चों को इन नियमों से छूट दी गई है)
सूतक में क्या करना चाहिए?
‘ॐ नमः शिवाय’ या अन्य वैदिक मंत्रों का जाप करें
गीता, रामचरितमानस, दुर्गा चालीसा जैसे ग्रंथों का पाठ करें
मौन रहकर मानसिक जाप और ध्यान करें
सकारात्मक चिंतन करें
जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र का दान करें
ग्रहण समाप्ति के बाद
स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें
घर और पूजा स्थल की सफाई करें
भगवान को भोग लगाकर दीप जलाएं
ग्रहण से पहले रखा भोजन (जिसमें तुलसी या कुशा डाली हो) ही खाएं, अन्यथा त्याग दें
दान-पुण्य करें
इसे भी पढ़ें :