
मौत का कारण स्पष्ट नहीं, पोस्टमार्टम के बाद खुलेगा राज, वन्य विभाग ने शव को दफनाया
सरायकेला : नीमडीह थाना क्षेत्र के हैवन पंचायत अंतर्गत हेवेन पहाड़धार गांव में एक मादा हाथी बुधवार की सुबह खेत में मृत पाई गई। इसकी जानकारी पूरे गांव एवं आस पास के क्षेत्रों में फैल गई। लोग हाथी के समीप पहुंचे तथा इसकी जानकारी वन्य विभाग के अधिकारियों को दी। मादा हाथी की मौत कैसे हुई, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई। लेकिन संभावना जताई जा रही है कि संभवतः बिजली का करंट लगने अथवा जहरीला पदार्थ खाने से उसकी मौत हुई होगी। मादा हाथी के शव का पोस्टमार्टम विभागीय चिकित्सक के द्वारा घटना स्थल पर किया गए। उसके बाद शव को वहीं दफना दिया गया। घटनास्थल के समीप रहने वाले रघुनाथ सिंह ने बताया कि मादा हाथी के साथ उसकी छह माह की बेबी हाथी भी रहती थी। घटना के समय भी बेबी हाथी उसके साथ ही थी। मां के नहीं उठने पर बेबी हाथी वहीं उसके शव के पास चिंघाड़ती रही। हाथी की चिंघाड़ सुनने के बाद रघुनाथ सिंह का परिवार जग गया। हाथी के घर तरफ आने की संभावना को देखते हुए उनका पूरा परिवार घर की छत पर चढ़ गया। वहां से हाथी के चिंघाड़ने की दिशा में टॉर्च जलाकर देखा तो पाया कि एक हाथी खेत में मृत पड़ा है तथा एक बेबी हाथी शव से लिपटकर चिंघाड़ रहा है। बेबी हाथी मृत हाथी के पास सुबह तक था। लेकिन लोगों के आने के बाद वह जंगल की ओर चला गया।
घटनास्थल पर विभाग ने कराया पोस्टमार्टम

स्थानीय ग्रामीणो ने हैवन पंचायत के मुखिया सुलोचना देवी को घटना की जानकारी दी। मुखिया ने चांडिल वन क्षेत्र पदाधिकारी को घटना से अवगत कराया। जिसके बाद गया वन रक्षी, वनपाल और अन्य अधिकारी वहां पहुंचे। मृत मादा हाथी के चारो ओर तिरपाल लगाया गया तथा उसका पोस्टमार्टम किया गया। पहली नजर में देखा गया कि हाथी की सूड में जख्म है। संभवतः बिजली प्रवाहित तर की चपेट में आने से वह जख्म हुआ हो, वैसे रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पता चल पाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि हाथी के झुंड द्वारा विगत कोई दिनों से लगातार फसल को नुकसान पहुंचाया जा रहा था। जिससे ग्रामीण दहशत में हैं तथा वन्य विभाग से नाराज हैं।
एक माह में तीन हाथी एवं ग्रामीण की हो चुकी है मौत
चांडिल गज परियोजना से हाथी की झुंड पलायन करने लगा ओर भोजन की तलाश में ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में डेरा डाला हुआ है। अंडा पंचायत में एक हाथी की मौत कुएं में गिर जाने से हो गई थी। वही एक मादा हाथी की मौत पहाड़धार गांव में हो गई। इससे पहले तिल्ला पंचायत में एक हाथी की मौत हो चुकी है। जिसका अबतक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। एक माह के अंदर तीन ग्रामीणों की मौत भी हाथी के हमले में हो चुकी है। चांडिल वन क्षेत्र पदाधिकारी को कई बार लिखित और मौखिक सूचना देने के बावजूद कोई कारवाई नहीं की जाती है।
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