
बहरागोड़ाः सोमवार को बहरागोड़ा क्षेत्र में पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना को लेकर विभिन्न गांवों राजलाबांध, पाटपुर, इचड़ासोल, पीठापुरा, कापाड़िया,मानुषमुड़िया, पारुलिया, पानीपड़ा, गामारिया, खांडामौदा आदि जगह में बट सावित्री व्रत पूरे श्रद्धा और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया.इस मौके पर सुहागिनों ने वटवृक्ष के नीचे उपवास रखकर विधिवत पूजा-अर्चना की और सावित्री-सत्यवान की अमर कथा को जीवंत किया. राजलाबांध गांव पंडित द्वारा विधिपूर्वक पूजा संपन्न कराई गई.
सावित्री-सत्यवान’की कथा सुनी
महिलाओं ने आठ प्रकार के फल, साड़ी, सिंदूर और श्रृंगार की विविध सामग्रियां अर्पित कर बरगद के पेड़ की परिक्रमा की.साथ ही बरगद पूजा के दौरान ‘सावित्री-सत्यवान’की कथा सुनते हुए उपस्थित महिलाओं ने पारंप पारंपरिक गीतों के माध्यम से वातावरण को भक्तिमय बना दिया. बट सावित्री व्रत हिंदू संस्कृति में विशेष महत्व रखता है. यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को किया जाता है और इसका संबंध उस पौराणिक कथा से है जिसमें पत्नी सावित्री ने अपने मृत पति सत्यवान को यमराज से बुद्धि, भक्ति और साहस के बल पर पुनर्जीवन दिलाया था.इस व्रत में वटवृक्ष की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि वह दीर्घायु, स्थायित्व और जीवन की ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.वहीं श्रद्धालु महिलाएं पारंपरिक वस्त्रों और श्रृंगार में सजकर उपस्थित रहीं तथा सभी ने अपने पति की मंगलकामना के साथ व्रत का समापन किया.
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