
जमशेदपुर: “PMFME-महोत्सव” के दूसरे दिन B2B और B2G कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में महाप्रबंधक-सह-सदस्य सचिव PMFME महोत्सव रवि शंकर प्रसाद, क्षेत्रीय प्रबंधक झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक श्रीकांत कटारे, ईओडीबी प्रबंधक जमशेदपुर सैयद मुदस्सर अनवर, ईओडीबी प्रबंधक चाईबासा अनिल कुमार, और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति शामिल हुए.
लाभुकों के अनुभव साझा किए गए
कार्यशाला की शुरुआत में लाभुकों ने अपने अनुभव साझा किए. सर्वश्री वैशाली डेरी, जमशेदपुर, सीसी सेल्फ ग्रुप, जमशेदपुर, नीलम सोलंकी, और पॉली ऑर्गेनिक्स (पुष्पा तिर्की) ने अपने अनुभव और PMFME योजना से प्राप्त सहायता के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि किस प्रकार से बैंक और जिला उद्योग केंद्र से प्राप्त मार्गदर्शन और सहायता ने उनके व्यवसाय को गति दी.
मशरूम प्रसंस्करण और मार्केटिंग की समस्याएं
मशरूम प्रसंस्करण और अन्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों ने मार्केटिंग में आने वाली समस्याओं का उल्लेख किया. महाप्रबंधक ने उन्हें अपने उत्पादों की पैकेजिंग और गुणवत्ता को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने का सुझाव दिया. उन्होंने अमूल मिल्क फेडरेशन के अनुभव का अनुसरण करने का आग्रह किया.
दुग्ध प्रसंस्करण में आधुनिक तकनीक
इसके बाद, गणपति मिल्क प्रोडक्ट्स प्रा. लि., चांदील (अमूल मिल्क फेडरेशन की झारखंड इकाई) द्वारा दुग्ध उत्पादों के प्रसंस्करण में इस्तेमाल होने वाली आधुनिक तकनीक और सप्लाई चेन के विषय में जानकारी दी गई.
PMFME योजना में ऋण आवेदन प्रक्रिया पर चर्चा
झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ने PMFME योजना के तहत ऋण आवेदन करते समय ध्यान रखने योग्य बिंदुओं पर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि JRGB ने झारखंड में इस योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. यदि किसी आवेदक को ऋण से संबंधित कोई समस्या आती है, तो वे सीधे बैंक शाखा में संपर्क कर सकते हैं.
तकनीकी सत्र और ब्रांडिंग पर चर्चा
SPMU टीम, रांची ने योजना से जुड़े तकनीकी बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी दी. इस सत्र में ब्रांडिंग और पैकेजिंग पर भी चर्चा की गई और लाभुकों के सवालों का जवाब दिया गया.
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