
जमशेदपुर: बर्मामाइंस टीआरएफ मैदान में जमशेदपुर बुद्धिजीवी मंच द्वारा आयोजित महा चैता मुकाबला कार्यक्रम में बिहार के प्रसिद्ध लोक गायक कमलवाश कुंवर और मगही स्टार सुदर्शन यादव के बीच शानदार चैता गायन का मुकाबला हुआ. दोनों मंडली के कलाकारों ने अपने-अपने ब्यास के नेतृत्व में अपनी गायन कला की शानदार प्रस्तुति दी, जिसने श्रोताओं का दिल छू लिया.
चैता गायन की सांस्कृतिक महत्ता
कार्यक्रम के संयोजक चिंटू सिंह राजपूत ने इस मौके पर कहा कि चैता और दुगोला हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं. चैता गायन न केवल हमारी संस्कृति और श्रृंगार का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि यह कृषि दर्शन और भोजपुरी माटी की खुशबू का भी एहसास कराता है. हालांकि, आज के शहरों में यह कला अपनी पहचान खोती जा रही है. ऐसे में जमशेदपुर के कुछ लोग, जैसे कि अध्यक्ष बाबू वीरेंद्र सिंह, जिन्होंने इस कला को पुनः जीवित करने के लिए प्रयास किए, उनकी वजह से शहरवासियों को इस पुरानी कला से रूबरू होने का अवसर मिला है. उन्होंने कहा कि इस कला को संरक्षित रखने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है.
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संस्था के संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, शिवशंकर सिंह, अध्यक्ष बाबू वीरेंद्र सिंह, चिंटू सिंह राजपूत और अन्य कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. इस आयोजन ने जमशेदपुर में चैता गायन की महत्वपूर्ण परंपरा को फिर से जीवित किया और श्रोताओं को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया.
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