
जमशेदपुर: रविवार को भारतीय नववर्ष के अवसर पर सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान द्वारा विश्वव्यापी स्वर्वेद यात्रा का आयोजन किया गया. इस यात्रा में देश के विभिन्न राज्यों से सैकड़ों स्थानों पर एक साथ, एक समय पर, ‘एक दिन, एक साथ, एक समय’ के बैनर तले संत प्रवर विज्ञानदेव महाराज के आशीर्वाद से एक भव्य एवं दिव्य यात्रा निकाली गई.
विहंगम योग टाटा संत समाज की स्वर्वेद यात्रा
विहंगम योग टाटा संत समाज ने पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिले के बिस्टुपुर स्थित 8 जुबली रोड के आश्रम से स्वर्वेद यात्रा की शुरुआत की. यात्रा ने मोदी पार्क, डायमंड गोलचक्कर, और जुस्को कार्यालय होते हुए पुनः आश्रम पर समाप्ति पाई. यात्रा के दौरान, स्वर्वेद प्रचार रथ एवं बैड बाजा के साथ सैकड़ों विहंगम योग अनुयायी स्वर्वेद और “अ” अंकित श्वेत ध्वजों के साथ जयकारे लगाते हुए चल रहे थे.
कुण्डीय विश्वशांति वैदिक महायज्ञ का आयोजन
यात्रा के बाद एक कुण्डीय विश्वशांति वैदिक महायज्ञ का आयोजन किया गया. इस यज्ञ में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने आहुति दी और महाप्रसाद के साथ आयोजन का समापन हुआ. यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि इसने सामूहिकता और मानवता के महत्व को भी उजागर किया.
स्वर्वेद: आत्मा और परमात्मा का ज्ञान
स्वर्वेद, जिसे विहंगम योग के प्रणेता, अमर हिमालय योगी, अनंत श्री सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज ने रचा, एक अद्वितीय सद्ग्रंथ है. यह हिमालय की गुफाओं में योग-समाधि अवस्था में प्राप्त अनुभवों का संकलन है. ‘स्वर्वेद’ का शाब्दिक अर्थ है आत्मा और परमात्मा का यथार्थ ज्ञान. स्वर्वेद के दोहों के पाठ से हमारे जीवन में शुभ संस्कार जाग्रत होने लगते हैं, और जीवन की दिशा स्पष्ट होने लगती है.
स्वर्वेद का महत्व और उद्देश्य
स्वर्वेद का प्रचार मानवता के सम्यक् विकास के लिए आवश्यक है. यह जीवन के हर मोड़ पर दिशा-बोध प्रदान करता है. अध्यात्म मानव जीवन का अभिन्न हिस्सा है, और इसके बिना हम जीवन में अनेक कष्टों का सामना करते हैं. इस उद्देश्य के साथ ही पूरे विश्व में भारतीय नववर्ष के दिन स्वर्वेद यात्रा का आयोजन किया गया.
यात्रा में उपस्थित प्रमुख लोग
स्वर्वेद यात्रा में दक्षिणी झारखंड की महिला उपाध्यक्ष मंजू माहेश्वरी, संयोजक बिजेन्द्र उपाध्याय, कार्यालय प्रमुख कुबेर शर्मा, समन्वयक नीरज मिश्रा, युवा प्रभारी रौशन पाण्डेय, अनिल सिंह, सुशील शर्मा, सरायकेला संयोजक शम्भू पंडित, मुकेश तिवारी, भीमराज अग्रवाल, रीना पाण्डेय, विश्राम तिवारी, लालदेव राम, रितेश कुमार, कृष्णा शर्मा, संदीप रंजन, दक्षिणी झारखंड के युवा समाज कल्याण प्रभारी रवि सिंह एवं पुरोहित महावीर विद्यार्थी के साथ सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे.
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