- राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने साधना दिवस पर केंद्र को सेवा, संस्कार और राष्ट्रसेवा का मंच बताया
- प्रकल्प भवन: भविष्य के लिए सांस्कृतिक और राष्ट्रीय जागरण केंद्र
सरायकेला : झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल में नवनिर्मित विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी सेवा एवं प्रशिक्षण ‘प्रकल्प भवन’ का उद्घाटन किया और ‘साधना दिवस’ कार्यक्रम में भाग लिया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि यह भवन सिर्फ एक संरचना नहीं है, बल्कि सेवा, समर्पण और राष्ट्रधर्म की भावना पर आधारित एक जीवंत केंद्र है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र युवाओं में चरित्र निर्माण, नेतृत्व और राष्ट्रसेवा की भावना विकसित करने का प्रमुख केंद्र बनेगा।
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प्रकल्प भवन: सेवा और समर्पण का नया केंद्र
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राज्यपाल ने युगपुरुष स्वामी विवेकानंद और उनके प्रेरणादायी विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि सत्यनिष्ठ, अनुशासित और आत्मनिर्भर युवा निर्माण होना चाहिए। उन्होंने झारखंड की जनजातीय संस्कृति, प्रकृति-प्रेम और सामुदायिक सौहार्द की अनमोल धरोहर को आधुनिक शिक्षा और कौशल विकास से जोड़ने पर जोर दिया। केंद्र के माध्यम से ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, संस्कार और सेवा कार्यों का व्यापक प्रचार होगा। उन्होंने कहा, “नर सेवा ही नारायण सेवा”, जो भारतीय संस्कृति का श्रेष्ठतम आदर्श है।
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स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के अनुरूप मानव निर्माण
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र निर्माण के मंत्र “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” का उल्लेख करते हुए कहा कि विवेकानंद केंद्र इसी विचारधारा को सशक्त करेगा। उन्होंने युवाओं से अपनी संस्कृति और जड़ों से जुड़े रहने और आधुनिक ज्ञान, तकनीक और कौशल से स्वयं को समृद्ध करने का आह्वान किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘प्रकल्प भवन’ आने वाले वर्षों में मानव निर्माण, सांस्कृतिक जागरण और राष्ट्रीय चेतना का महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।