
पश्चिम सिंहभूम: पश्चिम सिंहभूम जिला दण्डाधिकारी-सह-उपायुक्त के निर्देशानुसार खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु आज मधु बाजार स्थित खाद्य सुरक्षा कार्यालय में एक विशेष फूड लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन कैंप का आयोजन किया गया. इस शिविर का मुख्य उद्देश्य खाद्य कारोबारियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जागरूक करना था.
कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारी
इस अवसर पर अभिहित पदाधिकारी-सह-अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. भारती गोरती मिंज एवं खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अभिषेक आनंद ने भाग लिया. उन्होंने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि खाद्य व्यवसायियों के लिए यह लाइसेंस लेना आवश्यक है, ताकि खाद्य सामग्री की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
फूड लाइसेंस के महत्व पर जोर
शिविर में कुल 65 आवेदन प्राप्त हुए. उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि खाद्य कारोबारियों को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत फूड लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है. खाने-पीने की सामग्री बेचने वाले सभी होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे, डिस्ट्रीब्यूटर, होलसेलर, रीटेलर, आरओ वाटर प्लांट, बेकरी दुकान, किराना दुकान, फल-सब्जी विक्रेता, गन्ना जूस/फल जूस विक्रेता, अंडा/चिकन/मिट/मछली विक्रेता, और फास्ट फूड ठेला खोमचा को यह लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है.
आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज़
इस दौरान यह भी बताया गया कि फूड लाइसेंस रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों में आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, बिजली बिल या रेंट एग्रीमेंट की फोटो कॉपी शामिल हैं. इसके अलावा, मीट और चिकन दुकान के लिए पंचायत, नगर परिषद या नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी आवश्यक है. अधिकारियों ने यह भी बताया कि यदि कोई व्यक्ति बिना फूड लाइसेंस के खाद्य कारोबार करता है, तो उस पर विधि सम्मत कार्यवाही और अर्थदंड लगाया जा सकता है. इसके लिए संबंधित व्यक्ति स्वयं जिम्मेदार होगा.
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