
पूर्वी सिंहभूम: पोटका प्रखंड के भाटिन पंचायत स्थित चाटीकोचा गांव में सोमवार को उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने दौरा कर ग्रामीणों से संवाद स्थापित किया. इस दौरान ग्रामीणों ने क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं को खुलकर सामने रखा. उपायुक्त ने प्रत्येक मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए प्रखंड प्रशासन को आवश्यक निर्देश जारी किए.
निरीक्षण के दौरान यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (UCIL) से जुड़ी समस्याएं केंद्र में रहीं. ग्रामीणों ने बताया कि:
अबतक कई प्रभावित परिवारों को मुआवजा नहीं मिला है.
रोजगार की व्यवस्था नहीं की गई है.
जिन कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है, उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली है.
लंबित आवेदन विलंब में हैं और उन्हें शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए.
ग्रामीणों का कहना था कि रोजगार के अभाव में बेरोजगारी एक गहरी सामाजिक समस्या बन चुकी है.
दूषित जल और उड़ता ज़हर: स्वास्थ्य की बिगड़ती तस्वीर
पेयजल की गुणवत्ता को लेकर भी ग्रामीणों ने चिंता जताई. गांव के पास स्थित टेलिंग पॉन्ड से उड़ने वाले धूलकणों में यूरेनियम जैसे घातक अवशेष होने की आशंका जताई गई. इनसे गांव के लोग स्वास्थ्य संबंधी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं.
ग्रामीणों ने बेनशोल में प्रस्तावित पुनर्वास को सैद्धांतिक सहमति देते हुए प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की.
उपायुक्त ने किया टेलिंग पॉन्ड का निरीक्षण
ग्रामीणों की शिकायतों को सुनने के बाद उपायुक्त ने टेलिंग पॉन्ड का भी निरीक्षण किया. यह बताया गया कि गर्मियों में टेलिंग पॉन्ड से निकलने वाली धूल उड़कर आसपास के इलाकों में फैल जाती है. वहीं, बारिश के दिनों में ओवरफ्लो होकर जल स्रोतों को प्रदूषित कर देती है.
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि सभी बिंदुओं पर चरणबद्ध ढंग से कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन पूरी गंभीरता से स्थानीय समस्याओं का स्थायी समाधान खोज रहा है.
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