
जमशेदपुर: जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में प्रभात खबर के संपादक संजय मिश्रा ने सभा को संबोधित कर आयोजन की गरिमा को और ऊंचा किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलानुशासक एवं मीडिया प्रभारी डॉ. सुधीर कुमार साहु ने की. साथ ही वित्त पदाधिकारी डॉ. जावेद अहमद, विकास पदाधिकारी डॉ. सलोमी कुजूर तथा सी.वी.सी. डॉ. अन्नपूर्णा झा की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही.
भाषा, अस्तित्व और पत्रकार की जिम्मेदारी पर गंभीर विमर्श
संजय मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि उर्दू समेत कई भाषाई अखबार धीरे-धीरे लुप्त हो चुके हैं. हिंदी पत्रकारिता भी संकट के दौर से गुजर रही है. उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे भाषा की शुद्धता पर ध्यान दें और पत्रकारिता के मूल्यों को बचाए रखें. उन्होंने कहा, “आज की पीढ़ी पर जिम्मेदारी है कि वह हिंदी पत्रकारिता के अस्तित्व की रक्षा करे.”
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. सुधीर कुमार साहु ने कहा कि आज की पत्रकारिता स्वतंत्रता संग्राम के दौर की निडर पत्रकारिता जैसी नहीं रही. उन्होंने पेड न्यूज, झूठी रिपोर्टिंग और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बढ़ते प्रोपेगेंडा पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, “एक सच्चे पत्रकार का धर्म है – सच्चाई को उजागर करना.”
प्रतियोगिताओं में प्रतिभा की झलक, विचारों को मिला मंच
हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में 28 और 29 मई को विभिन्न रचनात्मक प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं. इनमें कुल 56 छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई.
28 मई को निबंध लेखन और पोस्टर निर्माण, जबकि 29 मई को आशु भाषण (एक्सटेम्पोर) प्रतियोगिता संपन्न हुई. 30 मई को कार्यक्रम के दौरान ही अतिथियों द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया.
निर्णायक मंडल में हिंदी विभाग की डॉ. पुष्पा कुमारी, वनस्पति विज्ञान विभाग की डॉ. रुपाली पात्रा तथा वाणिज्य विभाग की डॉ. ग्लोरिया पूर्ति ने निष्पक्ष मूल्यांकन कर विजेताओं का चयन किया.
प्रतियोगिता परिणाम:
निबंध लेखन:
प्रथम: कुमारी निशा
द्वितीय: मनीषा मंडल
तृतीय: अर्चना सरदार
पोस्टर निर्माण:
प्रथम: नाजिया परवीन
द्वितीय: स्वाति कुमारी
तृतीय: शिवांगी कुमारी
आशु भाषण प्रतियोगिता:
प्रथम: रत्ना प्रिय मिश्रा
द्वितीय: ईशा बाग
तृतीय: नेहा कुमारी
चिंतन, सृजन और सामाजिक उत्तरदायित्व का संगम
इन प्रतियोगिताओं ने छात्राओं को अपनी रचनात्मकता, अभिव्यक्ति की शक्ति और तार्किक सोच को मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर दिया. इस आयोजन ने न केवल प्रतिस्पर्धा की भावना को प्रोत्साहित किया, बल्कि उन्हें जागरूक, संवेदनशील और उत्तरदायी पत्रकार बनने की प्रेरणा भी दी.
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