
सरायकेला: खरसावां ब्लॉक परिसर में 10.38 करोड़ की लागत से बन रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण एक बार फिर विवादों के घेरे में है. योजना का शिलान्यास विवादों से घिरा रहा, और अब मजदूरों को मजदूरी नहीं मिलने से कार्य पूरी तरह ठप हो चुका है. इस परियोजना की शुरुआत से ही पारदर्शिता को लेकर सवाल उठते रहे हैं. शिलापट्ट में स्थानीय सांसद का नाम न होने पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था. इसके बाद निर्माण कार्य में पुराने ईंटों के इस्तेमाल और घटिया गुणवत्ता को लेकर आलोचना हुई थी.
मजदूरी नहीं मिलने से रुका निर्माण कार्य
पेटी ठेकेदार बलदेव कोड़ा पर 80 मजदूरों की लगभग ढाई लाख रुपये की मजदूरी बकाया है. मजदूरी न मिलने से नाराज मजदूरों ने निर्माण स्थल पर प्रदर्शन कर कार्य बंद करवा दिया. यह कार्य 30 मई से बंद पड़ा है. मजदूरों का आरोप है कि बलदेव कोड़ा, पुरुलिया के बड़ा बाजार का निवासी है और उन्हें कई सप्ताह काम करवाकर भुगतान किए बिना भाग गया है. मजदूरों के बार-बार फोन करने के बावजूद वह संपर्क में नहीं आ रहा. एक भी मजदूर को मजदूरी नहीं मिली है, जबकि उनके परिवार की जीविका इसी पर निर्भर है. कार्य एजेंसी के साइट सुपरवाइज़र वशिष्ठ मिश्रा ने कहा कि एजेंसी ने स्क्वायर फीट के हिसाब से पेटी ठेकेदार को भुगतान कर दिया है. मजदूरों की मजदूरी देना एजेंसी की नहीं, ठेकेदार की जिम्मेदारी है.
सूचना पट्ट का अभाव, पारदर्शिता पर सवाल
10.38 करोड़ की योजना के बावजूद निर्माण स्थल पर किसी तरह का सूचना पट्ट नहीं लगाया गया है. यह न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि परियोजना की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है. मजदूरों ने ऐलान किया है कि जब तक सभी का बकाया भुगतान नहीं होता, निर्माण कार्य दोबारा शुरू नहीं होने देंगे. मजदूरों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है.
इन मजदूरों की नहीं हुई मजदूरी भुगतान
सुभाष माझी, सुनी सोय, सोनाराम लोहार, किरण गोप, सावित्री पाड़िया, रायमुनी पाड़िया, चित्रमणी गोप, चंपा गोप, राखी गोप, निखिल सरदार, सुजय सरदार, सुनील पूर्ति, रूईदास सोय, प्रेम सोय, रानी गोप, उषा गोप, भारती नायक, बिनोदनी नायक, सुशील गोप, कारी पाड़िया, मनीषा हेम्ब्रम, बिषम उरांव, रीया पाड़िया, अरुण उरांव, सोमा तियू, मुगल तियू, सुनिता मुंडा, गणेश मुंडा, बालेमा रघु, राजेश गुदुवा, बुधनी पाड़िया, सलाय तियू, दिलीप तियू, राय तियू, रघु हांसदा, बप्पी हांसदा, कालीचरण हांसदा, सुरजो पाड़िया, मीरा गागराई सहित कई अन्य मजदूरों को अब तक उनका भुगतान नहीं मिला है.
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