
खड़गपुर: खड़गपुर मंडल में 24 और 25 अप्रैल को दो दिवसीय अंतर-रेलवे सुरक्षा ऑडिट का आयोजन किया गया. इस ऑडिट का नेतृत्व दक्षिणी रेलवे के प्रमुख मुख्य सुरक्षा अधिकारी गणेश ने किया. उनके साथ दक्षिण रेलवे के 8 वरिष्ठ अधिकारी और 11 पर्यवेक्षक शामिल थे.
केजीपी-टाटा सेक्शन में हुआ गहन निरीक्षण
24 अप्रैल को खड़गपुर मंडल की एडीआरएम (ऑपरेशन्स) मनीषा गोयल के नेतृत्व में मंडल के अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों ने दक्षिण रेलवे की टीम के साथ खड़गपुर-टाटा सेक्शन का निरीक्षण किया. इस दौरान सुरक्षा से जुड़े अनेक बिंदुओं की गहन जांच की गई.
निरीक्षण में लेवल क्रॉसिंग गेट्स, पुल, प्वाइंट्स व क्रॉसिंग, स्टेशन पैनल रूम, यार्ड आदि शामिल रहे. टीम ने कर्मचारियों से भी सीधे संवाद स्थापित कर जमीनी हालात की जानकारी ली.
खड़गपुर स्टेशन यार्ड, क्रू लॉबी और रनिंग रूम भी रहे निगरानी में
25 अप्रैल को निरीक्षण का क्रम खड़गपुर में जारी रहा. टीम ने स्टेशन यार्ड, एआरटी (Accident Relief Train), एआरएमई (Accident Relief Medical Equipment), 140 टन की भारी क्रेन, रनिंग रूम और क्रू लॉबी का भी दौरा किया.
टीम ने सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करते हुए कई व्यवहारिक सुझाव भी दिए, जिनसे रेलवे संचालन को और अधिक सुरक्षित व सुव्यवस्थित बनाया जा सके.
साझा विशेषज्ञता से मजबूत होगी सुरक्षा संरचना
दक्षिण रेलवे और खड़गपुर मंडल की संयुक्त टीमों ने सुरक्षा मापदंडों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से तकनीकी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया. दोनों मंडलों ने आपसी विशेषज्ञता साझा करते हुए रेलवे संचालन की गुणवत्ता सुधारने के कई उपायों पर सहमति जताई.
डीआरएम कार्यालय में हुआ समापन, वरिष्ठ अधिकारियों की रही मौजूदगी
सुरक्षा ऑडिट का समापन डीआरएम खड़गपुर के कार्यालय में आयोजित बैठक के साथ हुआ. इस बैठक में दक्षिण रेलवे की विजिटिंग टीम और खड़गपुर मंडल के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
दक्षिण रेलवे की टीम का नेतृत्व गणेश (पीसीएसओ) ने किया. टीम में शामिल अन्य प्रमुख अधिकारी थे:
राजेश कुमार (सीईई/योजना)
एस.एस. बालाजी अरुणकुमार (सीटीपीएम)
वी.एस. प्रभाकर (सीआरएसई/एफआरटी)
पी.टी. बेनी (सीई/टीपी)
पी.के. डेका (सीएसटीई/पीएंडपी)
नितिन नॉर्बर्ट (उप.सीएसओ/टीएफसी)
आर. रेथिना कामराज (उप.सीएसओ/इंजीनियरिंग)
क्या यह ऑडिट रेलवे की सुरक्षा में नया मोड़ लाएगा?
यह सुरक्षा ऑडिट केवल एक औपचारिक निरीक्षण नहीं, बल्कि रेलवे सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर सुधार की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है.
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