
जमशेदपुर: टैगोर स्कूल ऑफ आर्ट, कदमा शाखा का वार्षिकोत्सव आज साकची स्थित रबीन्द्र भवन में रंगारंग कार्यक्रम और कला प्रदर्शनी के साथ सम्पन्न हुआ. इस आयोजन का उद्देश्य कला और संस्कृति को बढ़ावा देना और समाज में इसके प्रति जागरूकता लाना था.
टैगोर सोसाइटी के संदेश
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और टैगोर सोसाइटी, जमशेदपुर के उपाध्यक्ष डॉ. अरूप रतन बासु ने अपने संबोधन में संस्था के उद्देश्यों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि टैगोर सोसाइटी को महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर की बहुआयामी प्रतिभा से प्रेरणा लेनी चाहिए और ऐसी कला व संस्कृति का निर्माण करना चाहिए, जो एक उदाहरण प्रस्तुत करे.
उन्होंने कदमा शाखा के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस शाखा ने कला के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह सराहनीय है. उन्होंने संस्था को शुभकामनाएं दीं और इसके कार्यों को समर्पण के साथ आगे बढ़ाने का आह्वान किया.
वार्षिक प्रतिवेदन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
टैगोर सोसाइटी के महासचिव आशीष चौधुरी ने कदमा शाखा की वार्षिक गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. उन्होंने संस्था की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि टैगोर सोसाइटी एक वटवृक्ष की तरह है, जिसकी कई शाखाएं कला और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में लगी हुई हैं.
इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें वेद गान से स्वागत गीत की प्रस्तुति हुई. इसके बाद गणपति कौथ्भम, “आलो आमार आलो”, कथक नृत्य, भारतीय शास्त्रीय संगीत, और समूह गीत जैसे कार्यक्रमों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
प्रमुख उपस्थितियां
इस आयोजन में टैगोर सोसाइटी के उपाध्यक्ष डॉ. जहर बनर्जी और टैगोर स्कूल ऑफ आर्ट की प्राचार्य चंदना चौधरी भी उपस्थित रहीं. कार्यक्रम ने कला और संस्कृति की महक को नई ऊंचाई तक पहुंचाया और कलाकारों की प्रतिभा को उभारा.
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