
बहरागोड़ा : सोमवार को बहरागोड़ा प्रखंड के भूतिया पंचायत स्थित घाघरा गांव में आदिवासी समाज की गहराई से जुड़ी परंपरा ‘मां मोड़े’ पर्व का आयोजन पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ. यह आयोजन गांव के जाहिरथान में नाईके अजित देहुरी के नेतृत्व में पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार सम्पन्न हुआ.
पूजा, मांदर की थाप और पारंपरिक नृत्य ने रचा सांस्कृतिक माहौल
पूजन-अर्चन के बाद दूर-दराज़ से आए सैकड़ों आदिवासी समुदाय के लोगों ने मांदर की थाप पर पारंपरिक नृत्य कर आस्था को जीवंत रूप दिया. माहौल में लोकधुनों की मिठास और सांस्कृतिक चेतना की ऊर्जा स्पष्ट रूप से महसूस की गई.
विधायक समीर महंती ने सिर नवाया, दिया सांस्कृतिक संरक्षण का संदेश
मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में पहुंचे बहरागोड़ा विधायक समीर महंती ने जाहिरथान में सिर नवाकर आशीर्वाद लिया. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के पूजक हैं. यदि जल, जंगल और जमीन नहीं बचे, तो आदिवासी समाज की पहचान भी संकट में पड़ जाएगी. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि समाज में कुछ हद तक भटकाव आया है, लेकिन बुजुर्ग आज भी परंपराओं को संजोये हुए हैं.
युवा पीढ़ी को दी सीख, संस्कृति से जुड़ने का आह्वान
विधायक महंती ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी जड़ों को न भूलें और अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजें. उन्होंने कहा कि परंपरा और संस्कृति को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है. मौके पर विधायक महंती ने लांगड़े नाच दल के साथ मांदर-धमसे की थाप पर पारंपरिक नृत्य में भाग लेकर लोगों का उत्साह भी बढ़ाया. उनका यह भावनात्मक जुड़ाव समाज के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है.
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