
आदित्यपुर: आदित्यपुर ईमली चौक स्थित आदिवासी कला संस्कृति भवन की चाहरदीवारी के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. आदिवासी कल्याण समिति के सदस्यों ने भवन से सटे सरकारी जमीन की घेराबंदी करने का प्रयास किया, जिस पर स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध जताया.
समिति ने किया घेराबंदी का प्रयास, स्थानीय लोगों ने जताया विरोध
समिति के सदस्य सीमेंट के पिलर लगाकर चारदीवारी निर्माण का कार्य शुरू करने जा रहे थे, तभी स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया. सूचना मिलने पर गम्हरिया अंचलाधिकारी कार्यालय से कर्मचारी मौके पर पहुंचे, लेकिन समिति के सदस्यों ने उन्हें दुत्कार कर भगा दिया.
समिति का दावा – आवंटित जमीन पर कर रहे निर्माण
समिति के सदस्यों का कहना है कि वे सरकार द्वारा आवंटित 65 डिसमिल भूमि पर ही निर्माण कर रहे हैं और अब उसे अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया में हैं.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि ईमली चौक पर पहले से ही सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे कर दुकानें बना ली गई हैं. अब जो थोड़ी बहुत जमीन बची थी, उस पर भी लोग कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं.
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झामुमो ने किया विरोध, बोले – पहले कचरा पड़ा था, अब कब्जा करने की हो रही कोशिश
झामुमो युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष भुगलु सोरेन ने कहा कि जिस जमीन को समिति अपना बता रही है, वहां पहले कचरे का ढेर था. हमने नगर निगम से सफाई करवा कर पक्की सड़क बनवाई ताकि दुकानदारों को दिक्कत न हो. लेकिन अब साफ-सफाई होते ही समिति ने उस पर नजर गड़ा दी और कब्जे के लिए घेराबंदी शुरू कर दी, जो कि पूरी तरह गलत है.
क्या यह सरकारी जमीन की लूट है?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या यह समिति द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास है या फिर यह वास्तव में आवंटित भूमि का हिस्सा है? प्रशासन की भूमिका अब महत्वपूर्ण हो गई है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि आदिवासी कला संस्कृति भवन का विस्तार वैध है या अवैध कब्जे की कोशिश.
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