
घाघीडीह केंद्रीय कारा में बंद कैदियों को दी गई नैतिक शिक्षा, कराया गया मेडिटेशन
जमशेदपुर : प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंटआबू राजस्थान से आये ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने रविवार को घाघीडीह केंद्रीय कारा में बंद कैदियों को जीवन का उद्देश्य बताया तथा नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कैदियों से मेडिटेशन करवाया। भगवान भाई ने बंदियों से कहा कि आप जहां रह रहे हैं, यह कारागृह नही, बल्कि सुधारगृह है। यहां आपको स्वयं में सुधार लाने हेतु रखा गया है।उन्होंने बंदियों से कहा कि इस कारागृह को संस्कार परिवर्तन का केंद्र बना लो। जीवन का उद्देश्य सफल हो जाएगा। एक दुसरे से बदला लेने के बजाए स्वयं को बदलना है, बदला लेने से समस्या और ही बढ़ जाती है। कारागृह के इस एकांत स्थान पर बैठकर स्वयं में परिवर्तन लाने के लिए सोचों कि मैं इस संसार में क्यों आया हूं? मेरे जीवन का उद्देश्य क्या हैं, मुझे परमात्मा ने किस उद्देश्य से यहां भेजा है। ऐसी बातों के चिंतन करने से संस्कार और व्यवहार में परिवर्तन होगा। घाघीडाह केन्द्रीय कारागृह में बंद कैदियों को कर्म गति और व्यवहार शुद्धि की जानकारी दी गई।
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इण्डिया बुक ऑफ़ रिकार्ड में दर्ज है भगवान भाई का नाम
भगवान भाई ने 5 हज़ार से अधिक स्कूलों में और 800 अधिक जेलों (काराग्रह) नैतिक शिक्षा का पाठ पढाया है। जिसके कारण उनका नाम इण्डिया बुक ऑफ़ रिकार्ड में दर्ज है। कैदियों को संबोधित करते हुए जेल अधीक्षक ने कहा कि भगवान भाई की बातों को अपने जीवन में प्रयोग करोगे तो अवश्य ही बुरी आदतों को छोड दोगे। अंत में उन्होंने ब्रह्माकुमारीज संस्था ऐसे कार्यक्रमों के लिए धन्यवाद किया। कार्यक्रम के अंत में आपराध मुक्त बनने, मनोबल बढाने, बुरी आदतों को छोड़ने और संस्कार परिवर्तन के लिए भगवान भाई ने कॉमेंट्री द्वारा मेडिटेश राजयोग कराया। कार्यक्रम में बीके चक्रधरपुर सेवाकेंद्र के प्रभारी बहन बीके दीपेश भाई, बीके संजीव भाई, ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका प्रभारी बीके रागिनी दीदी समेत अन्य मौजूद रहे।
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