जमशेदपुर: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाने वाली गणेश चतुर्थी इस साल 27 अगस्त को धूमधाम से मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि श्री गणेश का घर में आगमन सुख-समृद्धि, वैभव और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है। वास्तु शास्त्र में भी कहा गया है कि यदि गणेश प्रतिमा का चयन मनोकामना के अनुसार किया जाए तो उसका फल और भी शुभ मिलता है।
कैसी गणेश प्रतिमा चुनें?
शिक्षा और ज्ञान के लिए –
यदि बच्चे पढ़ाई में सफलता चाहते हैं तो ऐसी प्रतिमा स्थापित करें जिसमें गणपति हाथ में पुस्तक या कलम लिए हों। इसे उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में रखना शुभ है।
धन और व्यापारिक सफलता के लिए –
गणपति के हाथ में मोदक और मुख गजमुख स्वरूप वाला हो। ऐसी प्रतिमा को उत्तर दिशा में रखें। मान्यता है कि इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है और आय के साधन बढ़ते हैं।
शीघ्र विवाह और दांपत्य सुख के लिए –
रिद्धि-सिद्धि संग विराजमान गणेश की प्रतिमा विवाह योग्य युवाओं के लिए शुभ मानी जाती है। इसे घर में रखने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
संतान सुख के लिए –
बाल गणेश की प्रतिमा दंपत्ति के लिए संतान प्राप्ति का वरदान मानी जाती है।
पारिवारिक सुख-शांति के लिए –
बैठी हुई मुद्रा वाले गणेश जी को ड्राइंग रूम या पूजा घर में स्थापित करें। यह घर में स्थिरता और सौहार्द लाते हैं।
सकारात्मक ऊर्जा और रचनात्मकता के लिए –
नृत्य करते हुए गणेश जी की प्रतिमा घर के पूजाघर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। इससे वातावरण में सदा उत्साह और आनंद बना रहता है।
सूंड का स्वरूप –
घर में रखी जाने वाली प्रतिमा की सूंड बाईं ओर मुड़ी होनी चाहिए। इसे गृहस्थ जीवन के लिए मंगलकारी माना गया है। दाईं ओर मुड़ी सूंड वाले गणेश विशेष अनुष्ठानों में पूजे जाते हैं।
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