
जमशेदपुर: दलमा वन क्षेत्र में कॉटेज और रेस्ट हाउस के किराए में ₹1000 से ₹2000 तक की बढ़ोत्तरी के निर्णय ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। भाजपा नेता अंकित आनंद ने इस फैसले को अनुचित, अप्रासंगिक और ‘गलत परंपरा की शुरुआत’ बताया है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
“पर्यटन को हतोत्साहित करने की साजिश”
अंकित आनंद ने अपने पोस्ट में लिखा –
“दलमा जैसे ऐतिहासिक और नैसर्गिक स्थल को आम जनों की पहुंच से दूर किया जा रहा है। किराया बढ़ाकर पर्यटकों के उत्साह को कुचला जा रहा है। पहले से ही निजी वाहनों और बाइकों पर पाबंदियां थीं, अब यह दोगुना किराया सरासर अनुचित है।”
उन्होंने इस निर्णय को सैलानियों की संख्या घटाने की ‘अघोषित योजना’ करार देते हुए गहरी आपत्ति जताई।
केंद्र और राज्य सरकार से हस्तक्षेप की अपील
भाजपा नेता ने केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार से अपील करते हुए कहा कि वे इस निर्णय में हस्तक्षेप करें। उन्होंने वन विकास अभिकरण पर बिना परामर्श के निर्णय लेने का आरोप लगाया और कहा कि इस तरह के फैसले से पहले जनप्रतिनिधियों, सांसदों, विधायकों और सिविल सोसाइटी से संवाद आवश्यक था।
चरणबद्ध किराया वृद्धि का दिया सुझाव
अंकित आनंद ने सुझाव दिया कि यदि किराया बढ़ाना आवश्यक भी था, तो इसे चरणबद्ध ढंग से और न्यूनतम वृद्धि के साथ लागू किया जाना चाहिए था। इसके बाद एक समीक्षात्मक प्रक्रिया के माध्यम से अगली वृद्धि पर विचार किया जाता।
उन्होंने वन विकास अभिकरण से हालिया संकल्प पर पुनर्विचार की मांग करते हुए कहा कि दलमा को आम जनता के लिए सुलभ बनाना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए, न कि उन्हें दूर करने की नीति।
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